पाकिस्तान के पेशावर में आज भी है कपूर ख़ानदान की 102 साल पुरानी पुश्तैनी हवेली, जानिए इससे जुड़ी कुछ ख़ास बातें!

भले ही बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर ने 30 अप्रैल 2020 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, लेकिन उनसे जुड़ी तमाम यादें और उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी। अभिनेता ने उस कपूर परिवार में जन्म लिया था, एक्टिंग जिनके खून में दौड़ती है।

उनके दादा पृथ्वीराज कपूर, पिता राज कपूर, दोनों चाचा शशि कपूर और शमी कपूर और दोनों भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर से लेकर उनकी पत्नी नीतू कपूर, भतीजीयां करिश्मा कपूर और करीना कपूर यहां तककि उनके बेटा रणबीर कपूर के नाम बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकारों में शुमार है।

उनसे जुड़ी ऐसी ही एक विरासत है जो पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित है और वो है ‘कपूर हवेली’।

भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर का जन्म पाकिस्तान में बनी उनकी पुश्तैनी हवेली में ही हुआ था। उनकी यह हवेली पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित है। और इसी हवेली में ऋषि कपूर के पिता राज कपूर का भी जन्म हुआ था।

खबरों की मानें तो इस पुश्तैनी हवेली का निर्माण भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले 1918 से 1922 के बीच हुआ था। इस हवेली को राज कपूर के दादा और पृथ्वीराज कपूर के पिता दीवान बशेश्वरनाथ ने बनवाया था। जिसके बाद इसे ‘कपूर हवेली’ का नाम मिला।

ऋषि कपूर ने साल 2018 में पाकिस्तान सरकार से अपनी पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में बदलने का अनुरोध किया था। जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था, “हमें ऋषि कपूर ने फोन किया था। उन्होंने अपने पेशावर स्थित घर को किसी संस्थान या म्यूजियम में बदलने की गुजारिश की थी। हमने इस मांग को स्वीकार कर लिया है।”

ऋषि ने एक इंटरव्यू में बताया था, साल 1990 में मैं पेशावर में कपूर हवेली देखने जा चुका हूं। जहां पर हमें बताया गया था ये मेरे पिताजी और दादाजी का जन्म स्थान है।

साल 2016 में ऋषि कपूर ने पुश्तैनी हवेली की एक तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था। तस्वीर शेयर करते हुए ऋषि कपूर ने कैप्शन में लिखा था, “किसी ने मुझे ये भेजी है, पेशावर में स्थित हवेली के बाहर मैं और मेरा भाई रणधीर दिखाई दे रहे हैं, जिसमें हमारा स्वागत किया जा रहा है।”

हिंदुस्तान टाइम्स (Hindustan Times) की रिपोर्ट (Report) के अनुसार भूचाल (Earth Quake) की वजह से उनकी इस पुश्तैनी हवेली की पांच मंज़िलों में से तीन मंज़िलों के ऊपरी हिस्सों में दरारें पैदा हो गई थीं और सालों पहले ढह गई थीं। लेकिन अभी भी इसमें लगभग 60 कमरे बचे हुए हैं और यह इमारत आज व्यावसायिक भवनों से घिरी हुई है।

अपने एक इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने कहा था, “मैं अपने बच्चों को पेशावर की ये हवेली दिखाना चाहता हूं। मेरे पिताजी, माताजी, दादाजी, सभी का जन्म पेशावर में हुआ था और मेरा मुंबई में। ऐसे में मैं अपने बच्चों को पुश्तैनी हवेली से रूबरू कराना चाहता हूं।” इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने कहा था, “यदि कभी मौका मिला तो जरूर हवेली देखने जाएंगे और नहीं मिला तो मैं ये चाहूंगा की मेरे बेटे रणबीर के बच्चे जरूर जाकर देखें कि हमारी शुरुआत इस जगह से हुई थी।” हालांकि अब दिग्गज अभिनेता के अचानक गुजर जाने से उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!